नई दिल्ली.चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान से फैले कोरोना वायरस या कोविड-19 से पीड़ितों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। अब तक सौ से अधिक देशों में इस वायरस से संक्रमित लोग पाए जा चुके हैं। इस बीमारी के पहली बार सार्वजनिक होने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) को इसे महामारी घोषित करने में 72 दिन का समय लगा। हालांकि, इस अवधि में इस बीमारी की चपेट में आने वाले 13 गुना हो गए और प्रभावित देशों की संख्या तीन गुना हो गई। अकेले चीन मेंइस बीमारी से करीब चार हजार लोगों की मौत हो गई है। चीन के बाहर सर्वाधिक लोगों की मौत इटली में हुई है। वहां पर शुक्रवार को 250 लोगों की मौत के बाद यह आंकड़ा 1200 के पार पहुंच गया है।
इससे पहले 2009 में स्वाइन फ्लू को डब्लूएचओ ने महामारी घोषित किया था। भारत में 97 लोगों के इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। दो लोगों की मौत भी इससे हुई है। पूरे देश में आइसोलेशन वार्ड बनाकर इससे निपटने की तैयारी की गई है। 12 राज्यों में स्कूल व कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है। लोगों को अधिक भीड़ वाली जगहों से दूर रहने की सलाह दी गई है। कई शहरों में सिनेमाहॉल भी बंद कर दिए गए हैं।
इटली में एक ही दिन में 250 मौतों के बाद डब्ल्यूएचओ ने यूरोप को कोविड-19 वायरस का मूल केंद्र घोषित कर दिया है। इस महामारी के दुनिया भर में बेलगाम होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो से लेकर ब्रिटेन की स्वास्थ्य मंत्री नदीन डॉरिस, ऑस्ट्रेलिया के गृहमंत्री पीटर डटन और हॉलीवुड अभिनेता टॉम हैंक्स व उनकी पत्नी रीटा तक इसकी चपेट में हैं।
दुनिया भर में आयोजित किए जा रहे लगभग सभी बड़े आयोजन या तो टाले जा रहे हैं या फिर उन्हें निरस्त किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने इससे निपटने के लिए देश में आपातकाल घोषित कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अब तक 119 देशों में कोरोना वायरस के पुष्ट केस मिल चुके हैं। इससे सर्वाधिक प्रभावित दुनिया के 10 देशों में 6 यूरोप के और दो देश एशिया के हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को महामारी क्यों घोषित किया?
चीन ने 31 दिसंबर को कोरोना वायरस के प्रकोप की घोषणा की और 30 जनवरी 2020 को जन स्वास्थ्य आपातकाल लागू कर दिया। डब्ल्यूएचओ ने इसे पैनडेमिक घोषित करने के लिए 72 दिन तक इंतजार किया। इस दौरान यह प्रकोप अधिकांश चीन तक ही सीमित था। ऐसा चीन द्वारा कड़े उपाय करने के चलते हुआ, लेकिन पिछले दो सप्ताह में चीन के बाहर कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या 13 गुना और इससे पीड़ित देशाें की संख्या तीन गुना बढ़ गई। उदाहरण के लिए 29 फरवरी तक इटली में पीड़ितों की संख्या 888 थी जो कि एक सप्ताह में ही बढ़कर 4636 पर पहुंच गई।
यूं तो महामारी का बड़ा उदाहरण साल 1918 से 1920 तक फैला स्पैनिश फ्लू है। इससे कई देशों में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे। अनुमान के मुताबिक 2 से 5 करोड़ लोगों की मौत दुनिया भर हो गई थी। डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित किए जाने के बाद लगभग सभी देशों को चार काम प्रमुख रूप से करने होंगे। विदेशों से आने वाले लोगों की स्कैनिंग करनी होगी। कोई भी व्यक्ति जो कोरोना वायरस पॉजटिव पाया जाता है उसे नोटीफाइ करना होगा। इसके साथ ही लोगों पर भी कुछ पाबंदियां लागू होंगी। कोरोना वायरस पीड़ित होने की आशंका होने पर किसी भी व्यक्ति को जांच कराने के लिए कहा जा सकता है इसके लोग मना नहीं कर सकते। संदिग्ध पाए जाने पर लोगों को निगरानी में रखा जा सकता है।
कोरोना डिक्शनरी-इस वायरस से जुड़े वो शब्द जो इस समय सबसे ज्यादा प्रयोग में हैं
- पैनडेमिक यानी महामारी- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने महामारी को दो रूपों में माना है। वैश्विक महामारी यानी पैनडेमिक और क्षेत्रीय महामारी यानी एपिडेमिक। काेरोना काे पैनडेमिक माना गया है। छह महाद्वीपों और सौ से ज्यादा देशों में फैलने के बाद डब्ल्यूएचओ ने कोरोना काे महामारी घोषित किया है।
- कोविड-19/कोरोना-कोरोना वायरस का तकनीकी नाम सार्स-सीओवी-2 है। इसके कारण होने वाली सांस की बीमारी को कोरोना वायरस डिजीज 2019 "यानी कोविड-19' नाम दिया गया है। CO rona VI rus D-isease 2019
- सेल्फ क्वारंटाइन- सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार अगर आप इटली, चीन, ईरान और साउथ कोरिया जैसे उन देशों से आए हैं, जहां कोरोना तेजी से फैल रहा है। तो आपको 14 दिन अपने घर पर सेल्फ क्वारंटाइन के तौर पर गुजारने चाहिए। यानी खुद घर में रहकर, दूसरों से अलग हो जाना।
- आर-नॉट-आर- नॉट या आरओ किसी वायरस की मूल प्रजनन संख्या होती है। इससे बीमारी या वायरस की गंभीरता का आकलन किया जाता है। अगर यह संख्या एक या उससे ज्यादा होती है, यानी संबंधित बीमारी से ग्रसित प्रत्येक व्यक्ति किसी एक को संक्रमित कर सकता है। लिहाजा बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
- इंक्यूबेशन पीरियड-संक्रमित होने से लेकर लक्षणों के दिखने के समय को इंक्यूबेशन टाइम कहा गया है। कोरोना में यह समय 14 दिन का है। लेकिन कई मामलों में सिर्फ पांच दिनों में भी लक्षण सामने आए हैं। ऐसे में वायरस की तीव्रता भी अलग-अलग है।
- फैटेलिटी रेट-यानी मृत्यु दर। डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोना की फैटलिटी रेट 3.4 फीसदी है। हालांकि, 80 या इससे अधिक उम्र के मरीजों में 20 फीसदी तक मौतें हुई हैं। ईरान जैसे देश, जहां डॉक्टरी सुविधाएं अन्य देशों के मुकाबले थोड़ी कमतर हैं, वहां भी मौतें ज्यादा हो रही हैं।
- सोशल डिस्टेंसिंग -कोरोना के फैलने का खतरा भीड़भाड़ वाली जगहों पर ज्यादा है। इसी वजह से दुनियाभर में ऐसे आयोजन टाले जा रहे हैं, जहां भीड़ जुट सकती है। जैसे अमेरिका में राजनीतिक रैलियां रद्द की जा रही हैं। वहीं भारत में आईपीएल को स्थगित किया गया है। मैचों को टाला जा रहा है।
सेलेब्स. वे बड़े चेहरे जो बीमारी की चपेट में हैं...
- ब्रिटेन की स्वास्थ्य मंत्री नदीन डॉरिस ने खुद उनके कोरोना पाॅजिटिव होने की पुष्टि की।
- ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो का पहला कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया।
- गृह मंत्री पीटर डटन ने 13 मार्च को ट्वीट कर बताया की उनकी जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव है।
- ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर रहे अभिनेता टॉम हैंक्स ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
- पीएम जस्टिन ट्रूडो की पत्नी सोफी ट्रूडो की भी कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
फैक्ट चेक. इस बीमारी से जुड़े वे भ्रम जिनकी हकीकत आपको पता होना चाहिए
- भ्रम: फेसमास्क कारगर नहीं: सौ फीसदी सुरक्षा की गारंटी यह भले ही ना हो। लेकिन कुछ रिसर्च के अनुसार यह बिना मास्क की तुलना में पांच गुना सुरक्षा ज्यादा बढ़ा देता है। अगर आप किसी संक्रमित के साथ हैं तो यह आपका खतरा आधा कर देता है।
- भ्रम: मौसमी बुखार से कम खतरनाक:इसके लक्षण मौसमी बुखार जैसे ही हैं, लेकिन इस बीमारी का पूरा प्रोफाइल और मृत्युदर इसे गंभीर बनाती है। यह माैसमी बुखार की तुलना में 10 गुना अधिक खतरनाक है। अनुमान है कि इससे हर साल 2.9 लाख से 6.5 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
- भ्रम: सिर्फ बुजुर्गों की ही मौत होती है:ऐसे लोग जिनका स्वास्थ्य ठीक है और वे बुजुर्ग नहीं हैं, उनमें अधिकतर कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार नहीं होंगे। लेकिन, इस बीमारी में सामान्य बुखार की तुलना में सांस की गंभीर दिक्कत हो सकती है। लेकिन, सबसे जरूरी है बीमारी को जल्द से जल्द पहचानना और आइसोलेशन में जाना, ताकि संक्रमण न फैले।
- भ्रम: बीमार के साथ 10 मिनट से अधिक रहने पर ही होता है संक्रमण:कुछ अस्पतालों की गाइडलाइन कहती है कि संक्रमित व्यक्ति की छींक व खांसी के छह फीट के भीतर और 10 मिनट या उससे अधिक वहां पर रहने से संक्रमण हो सकता है। लेकिन, किसी संक्रमित सतह का स्पर्श होने से कम समय में भी संक्रमण हो सकता है।
- भ्रम: वैक्सीन कुछ ही महीनाेंमें:चीनी रिसर्चरों द्वारा इस बीमारी के जेनेटिक स्वीक्वेंस को जल्द जारी किए जाने से इसकी वैक्सीन पर काम शुरू हो गया है। लेकिन, तमाम परीक्षणों और इसके दुष्प्रभावों के अध्ययन के बाद ही इसके व्यावसायिक निर्माण पर काम शुरू किया जा सकेगा।
- भ्रम: गर्म या बहुत ठंडे इलाके मेें वायरस निष्क्रिय हो जाता है:इस वायरस का विस्तार गर्म व आर्द्र के साथ ही ठंडे इलाकों में देखा गया है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि गर्मी या बहुत ठंड में वायरस मर जाएगा। अभी इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं।
- भ्रम: मच्छर के काटने से भी होता है:अभी तक इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि यह वायरस मच्छरों के काटने से भी फैल रहा है। इसके अलावा हैंड ड्रायर के इस्तेमाल से भी इसको नहीं रोका जा सकता, हाथों को बार-बार धोना व अल्कोहल वाले सैनिटाइजर से ही इसे रोका जा सकता है।
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from Dainik Bhaskar /national/news/government-declared-corona-as-epidemic-after-72-days-corona-virus-facts-latest-news-what-is-corona-126972256.html
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